Governor with Divyang Girls: राज्यपाल जब बच्चों के बीच होते हैं, तो वह सिर्फ एक संवैधानिक पदाधिकारी नहीं रहते, बल्कि एक स्नेही अभिभावक के रूप में सामने आते हैं। कुछ ऐसा ही दृश्य इंदौर से आईं बहुदिव्यांग मूकबधिर बालिकाओं के राजभवन आगमन पर देखने को मिला, जब राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने इन नन्ही प्रतिभाओं के साथ समय बिताया, उनके अनुभव सुने, उनके संघर्षों को जाना और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
इन दिव्यांग बालिकाओं की यह यात्रा महज एक औपचारिक भेंट नहीं थी, बल्कि यह आत्मीयता, प्रेरणा और सम्मान की ऐसी मिसाल बन गई, जिसे वर्षों तक याद किया जाएगा। आनंद सर्विस सोसायटी की मूकबधिर बहुदिव्यांग बालिकाएं इंदौर से विशेष रूप से राज्यपाल से मिलने भोपाल स्थित राजभवन पहुंची थीं।
बहुदिव्यांग बच्चियों से आत्मीय मुलाकात
राजभवन के सभा कक्ष जवाहर खण्ड में राज्यपाल श्री पटेल ने शिक्षकों के माध्यम से बच्चियों से संवाद किया। उन्होंने बच्चियों से उनके संघर्ष, सपने और उपलब्धियों के बारे में जाना और उन्हें निरंतर सीखने और आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा दी। इस दौरान एक विशेष लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई, जो सुश्री गुरदीप कौर वासु के जीवन पर आधारित थी। गुरदीप स्वयं मूकबधिर हैं और वर्तमान में मध्यप्रदेश वाणिज्य कर विभाग में कार्यरत हैं। उनका जीवन इन बालिकाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया।
सह-भोज और अपनत्व का अनुभव
राज्यपाल ने इन बच्चियों और शिक्षकों के साथ सह-भोज कर उनके साथ एक स्नेहपूर्ण रिश्ता स्थापित किया। यह सिर्फ एक भोजन नहीं था, बल्कि उनके संघर्षों को सम्मान देने का भावनात्मक जरिया था। बच्चियों ने सांकेतिक भाषा में अपने दिल की बात कही, और राज्यपाल के स्नेह के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया।
राजभवन भ्रमण और कलाकृतियों की भेंट
इन बालिकाओं ने ऐतिहासिक राजभवन परिसर और खासतौर पर वहां स्थित आर्ट गैलरी का भ्रमण किया। उन्होंने अपने अनुभव राज्यपाल से साझा किए और फोटो खिंचवाकर इस खास दिन को संजोया। बच्चियों ने राज्यपाल को अपने हाथों से बनाई हुई कलाकृतियां और पेंटिंग भेंट कीं, जिन्हें देखकर राज्यपाल अभिभूत हो गए। सुश्री दिव्या गोले और वैष्णवी ने पुष्पगुच्छ भेंट कर राज्यपाल का अभिनंदन किया, जबकि सुश्री किरण विश्वकर्मा सहित अन्य बच्चियों ने अपनी रचनात्मक कला के माध्यम से भावनाएं व्यक्त कीं।
गुरदीप की प्रेरणादायक कहानी बनी मिसाल
राज्यपाल ने गुरदीप के जीवन पर आधारित फिल्म देखकर उनकी हिम्मत, संघर्ष और सफलता को सराहा और अन्य बालिकाओं को भी इसी तरह अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने गुरदीप की माता श्रीमती सीमा मंजीत कौर और संस्था से जुड़े शिक्षकों तथा प्रतिनिधियों के समर्पण की भी भूरी-भूरी प्रशंसा की।
इस अवसर पर राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री के.सी. गुप्ता, अपर सचिव श्री उमाशंकर भार्गव, संस्था की सह-संस्थापक श्रीमती मोनिका पुरोहित, सचिव श्री ज्ञानेन्द्र पुरोहित, शिक्षिका श्रीमती मृणालिनी शर्मा समेत अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।
एक दिन जो बन गया प्रेरणा की मिसाल
यह भेंट सिर्फ एक शिष्टाचार मुलाकात नहीं थी, बल्कि भावनाओं, संवेदनाओं और मानवता से भरपूर वह क्षण था जब दिव्यांग बच्चियों को एक अभिभावक की छांव मिली। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल के स्नेह और प्रेरणादायक शब्दों ने उनके मन में आत्मबल और आत्मविश्वास की नई ज्योति जगाई।
डिस्क्लेमर: यह लेख सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है और इसका उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। इसमें प्रयुक्त भावनात्मक भाषा पाठकों के जुड़ाव हेतु प्रयुक्त की गई है। किसी भी आधिकारिक जानकारी हेतु संबंधित विभाग से संपर्क किया जाए।
- Madhya Pradesh Tourism को मिलेगा नया आयाम, जन्माष्टमी से शुरू होगा राज्य स्तरीय उत्सव
- मध्यप्रदेश बना Tiger State in India का गौरव, बाघों और वन्यजीवों के संरक्षण में रचा नया इतिहास
- IND vs ENG 5th Test Playing XI: क्या कुलदीप यादव का सपना होगा पूरा? शुभमन गिल लाएंगे तूफानी बदलाव
- Umesh Yadav ने महाकाल से मांगा क्रिकेट करियर का वरदान, बोले- यहां बिना बुलावे कोई नहीं आता
- जब Dhruv Jurel ने 50,000 की शर्ट पर किया तगड़ा ताना, Arshdeep Singh भी रह गए हैरान