Vaibhav Suryavanshi Golden Duck क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, भावनाओं का महासागर है। और जब एक युवा खिलाड़ी अपनी पूरी मेहनत से मैदान पर उतरता है लेकिन पहली ही गेंद पर आउट हो जाता है, तो उसका दिल टूटना लाज़मी है। कुछ ऐसा ही हुआ भारत की अंडर-19 टीम के धाकड़ बल्लेबाज़ वैभव सूर्यवंशी के साथ, जब वो इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे यूथ टेस्ट मैच की दूसरी पारी में गोल्डन डक पर आउट हो गए।
भारत को इस मैच में जीत के लिए 355 रन का बड़ा लक्ष्य मिला था, लेकिन शुरुआत इतनी दर्दनाक होगी किसी ने सोचा भी नहीं था। ओपनिंग करने आए वैभव सूर्यवंशी पहली ही गेंद पर बड़ा शॉट मारने के चक्कर में एलेक्स ग्रीन की गेंद पर बोल्ड हो गए। गेंद उनके बल्ले का किनारा लेते हुए सीधे विकेट से टकराई, और वो निराश होकर पवेलियन लौट गए।
आउट होने के बाद वैभव का चेहरा सारी कहानी कह गया। उन्होंने कई सेकंड तक विकेट को निहारते हुए सिर्फ यही सोचा – “ये कैसे हो गया?” उनकी आंखों में अफसोस और निराशा साफ झलक रही थी। मैदान पर सन्नाटा था, और फैन्स के दिल भी उसी पल टूट गए।
यही नहीं, वैभव की पहली पारी भी कुछ खास नहीं रही थी। उन्होंने 20 रन बनाए और तब भी एलेक्स ग्रीन ने ही उन्हें आउट किया था। यानी ये मुकाबला ग्रीन बनाम सूर्यवंशी का बन गया था, जिसमें ग्रीन की चालाकी भारी पड़ी।
हालांकि भारत की पहली पारी में कप्तान आयुष महात्रे ने 80 रन और विहान मल्होत्रा ने शानदार 120 रन की पारी खेलकर टीम को सम्मानजनक 279 के स्कोर तक पहुंचाया था। लेकिन इंग्लैंड ने दूसरी पारी में दमदार खेल दिखाया। बी.जे. डॉकिन्स के 136 रन और एडम थॉमस के 91 रन की मदद से इंग्लैंड ने 324 रन पर पारी घोषित कर दी और भारत को 355 रन का टारगेट दिया।
अब जब लक्ष्य इतना बड़ा हो और पहला विकेट गोल्डन डक के रूप में गिरे, तो टीम का हौसला थोड़ा टूटना लाज़मी है। वैभव सूर्यवंशी जैसे युवा खिलाड़ी से काफी उम्मीदें थीं, और उनका आउट होना न सिर्फ टीम के लिए झटका था, बल्कि उनके खुद के लिए भी एक भावनात्मक पल।
क्रिकेट के इस रोमांचक और भावनात्मक मोड़ ने बता दिया कि ये सिर्फ एक स्कोर कार्ड की कहानी नहीं होती, हर आउट, हर रन और हर विकेट के पीछे कई जज़्बात छिपे होते हैं।
डिस्क्लेमर:
यह लेख मैच की खबरों और सोशल मीडिया पर आए प्रतिक्रियाओं के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें व्यक्त भावनाएं और व्याख्या सिर्फ जानकारी और मनोरंजन के उद्देश्य से हैं। कृपया इसे आधिकारिक बयान न मानें।