हर इंसान की ज़िंदगी में कुछ पल ऐसे आते हैं जब दिल सिर्फ आस्था की ओर खिंचता है। कुछ ऐसा ही नज़ारा उस वक्त देखने को मिला जब भारतीय क्रिकेट टीम के तेज़ गेंदबाज़ Umesh Yadav ने नाग पंचमी के शुभ अवसर पर उज्जैन में भगवान महाकालेश्वर के दर पर माथा टेका। सुबह-सुबह भस्म आरती में भाग लेकर उन्होंने अपने जीवन के उस विश्वास को फिर से सबके सामने रखा जो उन्हें बाबा महाकाल से जोड़ता है।
उमेश यादव के चेहरे पर भक्ति की चमक साफ दिखाई दे रही थी। उन्होंने खुद कहा कि बाबा से उनका रिश्ता बहुत खास है। मीडिया से बात करते हुए उमेश ने कहा, “बिना बुलावे कोई नहीं आता। बाबा ने ही बुलाया है, और आज नाग पंचमी जैसा शुभ दिन है। इससे बेहतर दिन क्या हो सकता है आशीर्वाद लेने के लिए।”
श्रावण मास में बाबा महाकाल के दर्शन को देशभर से लाखों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं। ऐसे में उमेश यादव का यह आध्यात्मिक जुड़ाव न केवल उनके फैंस को प्रेरित करता है बल्कि यह भी दिखाता है कि क्रिकेटर्स भी ज़िंदगी के मुश्किल मोड़ों पर आस्था का सहारा लेते हैं।
टीम इंडिया में वापसी की उम्मीदें जिंदा
उमेश यादव ने आखिरी बार भारत के लिए जून 2023 में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में खेला था। उसके बाद से वह टीम से बाहर चल रहे हैं। लेकिन 37 साल की उम्र में भी उनका हौसला कायम है और उन्हें अब भी वापसी की पूरी उम्मीद है। उन्होंने कभी हार नहीं मानी और शायद यही वजह है कि उन्होंने अपने करियर की नई शुरुआत के लिए बाबा महाकाल का आशीर्वाद मांगा।
क्रिकेट के आंकड़े बताते हैं कि उमेश ने भारत के लिए अब तक 57 टेस्ट मैचों में 170 विकेट झटके हैं। इसके अलावा 75 वनडे और 9 टी20 मैचों में भी उन्होंने टीम को मजबूती दी। हाल ही में उन्होंने रणजी ट्रॉफी में भी हिस्सा लिया, भले ही प्रदर्शन उतना खास नहीं रहा, लेकिन उनकी मेहनत में कोई कमी नहीं है।
भक्ति और भरोसे की मिसाल बने उमेश
आज जब सोशल मीडिया पर सेलिब्रिटीज़ की लाइफस्टाइल ही ट्रेंड बन जाती है, ऐसे में उमेश यादव जैसे खिलाड़ी का श्रद्धा से भरा यह कदम दिल छू जाता है। यह सिर्फ एक दर्शन नहीं था, यह उस विश्वास की पुकार थी जो शायद उन्हें टीम इंडिया की ब्लू जर्सी में फिर से देखने का रास्ता खोलेगा।
Disclaimer: यह लेख उपलब्ध मीडिया रिपोर्ट्स और सार्वजनिक बयानों के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल भावनात्मक और सूचनात्मक प्रस्तुति है, इसे आधिकारिक पुष्टि न माना जाए।