Shubman Gill Crowd Misbehaviour England क्रिकेट सिर्फ बल्ला और गेंद का खेल नहीं है, यह सम्मान, भावना और खेल भावना का संगम है। लेकिन जब दर्शक उस मर्यादा को पार कर जाएं, तो ये खेल की आत्मा को ठेस पहुंचती है। ऐसा ही कुछ हुआ मैनचेस्टर टेस्ट के पहले दिन, जब भारतीय कप्तान शुभमन गिल बल्लेबाजी करने मैदान में उतरे और इंग्लिश दर्शकों ने उनके साथ बेहद बदतमीजी भरा बर्ताव किया।
गिल, जो इस सीरीज में शानदार फॉर्म में चल रहे हैं और एजबेस्टन में दोहरा शतक जड़ चुके हैं, मैनचेस्टर टेस्ट में एक अलग ही माहौल में उतरे। जैसे ही वह क्रीज की ओर बढ़े, इंग्लैंड के दर्शकों ने हूटिंग, चिढ़ाने और ‘बू’ करने की हरकतें शुरू कर दीं। गिल हैरान रह गए, क्योंकि ये माहौल किसी खेल प्रेमी देश की पहचान नहीं हो सकती।
यह सब कुछ शायद लॉर्ड्स टेस्ट में हुए उस विवाद का असर है, जिसमें गिल ने इंग्लैंड की “समय बर्बादी” को लेकर खुलकर आलोचना की थी। लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान जब बेन डकेट और जैक क्रॉली ने आखिरी सेशन में जानबूझकर वक्त बर्बाद किया, तो गिल ने मैदान पर इंग्लैंड के रवैये पर सख्त रुख दिखाया था। उसी समय से इंग्लिश मीडिया और फैन्स उनके पीछे पड़ गए।
और अब जब मैनचेस्टर टेस्ट शुरू हुआ, गिल को उसी बात की “सजा” इंग्लैंड की भीड़ से मिल रही है।
इस दबाव और अपमानजनक व्यवहार के बीच गिल अपनी लय नहीं पकड़ सके और सिर्फ 12 रन बनाकर आउट हो गए। उन्हें बेन स्टोक्स की एक अंदर आती गेंद ने एलबीडब्ल्यू कर दिया। गिल ने रिव्यू लिया लेकिन तकनीक भी इस बार उनके पक्ष में नहीं थी। ऐसे में गिल का आउट होना सिर्फ एक विकेट का गिरना नहीं था, यह एक कप्तान के आत्मविश्वास पर चोट जैसा महसूस हुआ।
जब किसी देश का कप्तान मैदान में उतरता है, तो उम्मीद होती है कि उसे विरोधी देश में भी सम्मान मिलेगा। लेकिन इस घटना ने खेल भावना को लज्जित किया है। एक ऐसे युवा खिलाड़ी के साथ, जो मैदान पर हमेशा संयम और निष्ठा के साथ खेलता है, ऐसा बर्ताव किसी भी खेलप्रेमी को स्वीकार नहीं हो सकता।
डिस्क्लेमर:
यह लेख विभिन्न रिपोर्ट्स, मीडिया कवरेज और सोशल मीडिया प्रतिक्रियाओं पर आधारित है। इसमें व्यक्त विचार घटनाओं की जानकारी देने के उद्देश्य से हैं, न कि किसी देश या व्यक्ति विशेष को अपमानित करने के लिए। कृपया इसे एक न्यूज़ स्टोरी के रूप में देखें।