जब बात टीम इंडिया के सबसे भरोसेमंद और दमदार ऑलराउंडरों की होती है, तो रवींद्र जडेजा का नाम सबसे ऊपर आता है। इस बार जडेजा ने कुछ ऐसा कर दिखाया है जो 148 साल के टेस्ट क्रिकेट इतिहास में आज तक कोई भारतीय नहीं कर सका था। मैनचेस्टर के मैदान पर खेले जा रहे चौथे टेस्ट में उन्होंने ऐसा लंगर डाला कि इंग्लिश गेंदबाज भी थक गए। उन्होंने सिर्फ एक अर्धशतक ही नहीं जड़ा, बल्कि एक नया इतिहास भी रच दिया।
जडेजा ने 86 गेंदों में शानदार फिफ्टी पूरी की और इंग्लैंड की पिच पर अपने 1000 टेस्ट रन भी पूरे कर लिए। लेकिन यही नहीं, उनके नाम अब इंग्लैंड में 30 टेस्ट विकेट भी दर्ज हैं। इसका मतलब यह हुआ कि जडेजा विदेशी धरती पर 1000 रन और 30 विकेट लेने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं।
यह उपलब्धि कोई मामूली बात नहीं है। जब आप विदेशी ज़मीन पर इस स्तर की परफॉर्मेंस देते हैं, तो यह न सिर्फ आपकी क्लास दिखाता है बल्कि आपकी मेहनत, धैर्य और टीम के लिए लड़ने के जज़्बे को भी साबित करता है।
इतिहास गवाह है कि अब तक केवल दो ही खिलाड़ी इस लिस्ट में शामिल हो पाए हैं – इंग्लैंड के विल्फ्रेड रोड्स और वेस्टइंडीज के महान गैरी सोबर्स। अब रवींद्र जडेजा भी इस एलीट क्लब का हिस्सा बन चुके हैं। एक भारतीय क्रिकेट फैन के लिए इससे बड़ी गर्व की बात और क्या हो सकती है?
इतना ही नहीं, इस सीरीज में जडेजा ने नंबर छह या उससे नीचे बल्लेबाजी करते हुए पांचवीं बार पचासा जड़ा है, और इसी के साथ वह सुनील गावस्कर, विराट कोहली और ऋषभ पंत जैसे दिग्गजों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं।
आज रवींद्र जडेजा सिर्फ एक ऑलराउंडर नहीं हैं, बल्कि भारत के लिए एक प्रेरणा हैं। उन्होंने यह दिखा दिया है कि अगर हौसला और हुनर साथ हो, तो किसी भी ज़मीन पर अपना परचम लहराया जा सकता है।
डिस्क्लेमर:
यह लेख उपलब्ध मीडिया रिपोर्ट्स और क्रिकेट डेटा के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी समय के साथ बदल सकती है। क्रिकेट से जुड़ी कोई भी आंकड़े या रिकॉर्ड अपडेट होने की स्थिति में आगे बदलाव हो सकते हैं।