जब बात देश के दिल मध्यप्रदेश की होती है, तो यह केवल भौगोलिक केंद्र नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक धरोहरों का अद्भुत संगम बन जाता है। अब इस गौरवशाली राज्य में एक नई ऊर्जा देखने को मिल रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जो न सिर्फ प्रदेश को स्वच्छता की नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे, बल्कि Madhya Pradesh Tourism को भी अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में निर्णायक कदम साबित होंगे।
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 के लिए प्रदेश के 10 शहरों को इंदौर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इंदौर, जिसने लगातार आठवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बनने का गौरव प्राप्त किया है, अब अन्य शहरों के लिए प्रेरणा बनेगा। इसी दिशा में भोपाल ने भी देश का दूसरा स्वच्छ शहर बनने का सम्मान पाया है, जो प्रदेश की टीम भावना और जनता की जागरूकता को दर्शाता है।
बैठक की शुरुआत वंदेमातरम के गान से हुई और नागपंचमी के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बताया कि इस बार जन्माष्टमी के अवसर पर एक भव्य राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जो जनभागीदारी और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक होगा।
पर्यटन में बड़ा निवेश, ट्रैवल मार्ट से खुलेगी संभावनाओं की खिड़की
पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश सरकार लगातार सक्रिय है। हाल ही में रीवा में आयोजित रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में देशभर से 80 से अधिक प्रमुख टूर ऑपरेटर्स ने हिस्सा लिया। इस आयोजन के दौरान 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव सामने आए। इसके अलावा शहडोल में 15.60 करोड़ की लागत से बने फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट का लोकार्पण और चित्रकूट में 27 करोड़ के आध्यात्मिक विकास कार्यों का शिलान्यास किया गया।
सबसे खास बात यह रही कि अब पीएमश्री वायुसेवा की टिकट बुकिंग सुविधा IRCTC पोर्टल पर भी उपलब्ध होगी, जिससे आम यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी और पर्यटन को डिजिटल बढ़ावा मिलेगा।
भोपाल में होगा मध्यप्रदेश ट्रैवल मार्ट, मिलेगा एक साझा मंच
पर्यटन हितधारकों को एक मंच देने के उद्देश्य से 11 से 13 अक्टूबर तक भोपाल में Madhya Pradesh Travel Mart का आयोजन किया जा रहा है। इससे पहले 12-13 अगस्त को ग्वालियर और 20-21 सितंबर को इंदौर में रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव होंगे, जो मुख्य आयोजन की तैयारी के रूप में काम करेंगे।
इस ट्रैवल मार्ट में होटल, रिसॉर्ट, ट्रैवल एजेंसियों, टूर ऑपरेटरों और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों को अपने पर्यटन उत्पादों को प्रदर्शित करने और नए अवसरों पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा।
पर्यटन की दृष्टि से विकसित होंगे अद्भुत स्थल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि अब प्रदेश के प्रमुख झरनों, मंदसौर के धर्मराजेश्वर जैसे अद्वितीय स्थलों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही नागपंचमी के पावन अवसर पर पचमढ़ी स्थित नागद्वारी और उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की महिमा को भी पर्यटन से जोड़ा जाएगा, जिससे धार्मिक पर्यटन को बल मिलेगा।
इतना ही नहीं, मंडला, डिंडोरी, सिंगरौली, सीधी और सिवनी में कला और शिल्प केंद्रों की स्थापना के लिए विभिन्न संस्थाओं के साथ एमओयू साइन किए गए हैं। यह स्थानीय लोगों को रोज़गार और स्वावलंबन की ओर ले जाएगा।
निष्कर्ष
मध्यप्रदेश सरकार का यह नया दृष्टिकोण केवल योजनाओं का ऐलान नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर बदलाव की शुरुआत है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की यह पहल प्रदेश को स्वच्छता और पर्यटन दोनों में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में निर्णायक साबित होगी। हर नागरिक को इन प्रयासों में भागीदार बनकर, अपने शहर और प्रदेश को स्वच्छ, सुंदर और पर्यटक अनुकूल बनाने का संकल्प लेना होगा।
Disclaimer
यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी और मुख्यमंत्री डॉ. यादव के आधिकारिक वक्तव्य पर आधारित है। लेख का उद्देश्य जानकारी देना और जनसामान्य को योजनाओं से अवगत कराना है। इसमें दी गई जानकारी बिना किसी राजनीतिक या व्यावसायिक उद्देश्य के लिखी गई है।