India vs Pakistan Legends Match क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, देश की भावनाओं से जुड़ा मामला है। जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले की बात आती है, तो यह सिर्फ रन और विकेट की कहानी नहीं रह जाती — इसमें देश की अस्मिता, भावनाएं और जज़्बात शामिल हो जाते हैं। ऐसे ही माहौल में जब वर्ल्ड चैंपियंस ऑफ लीजेंड्स (WCL) टूर्नामेंट में भारत के पूर्व खिलाड़ी पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से पीछे हटे, तो बहस और विवाद का दौर शुरू हो गया।
शिखर धवन, जो कि भारतीय टीम के पूर्व स्टार ओपनर रह चुके हैं, ने इस पूरे मामले पर शुरू से ही अपना स्टैंड साफ कर दिया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर पहले ही कह दिया था कि वह पाकिस्तान के खिलाफ मैच में हिस्सा नहीं लेंगे। यह फैसला उन्होंने उस समय लिया जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकी हमला हुआ था, जिसमें हमारे जवान शहीद हुए। इस हमले से आहत होकर भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तान टीम के साथ खेलने से इनकार कर दिया।
रिपोर्टर का सवाल और शिखर धवन का गुस्सा
धवन इन दिनों इंग्लैंड में हैं और WCL में भाग ले रहे हैं। जब एक रिपोर्टर ने उनसे सवाल पूछा कि “अगर इंडिया और पाकिस्तान सेमीफाइनल में आमने-सामने आते हैं तो क्या आप खेलेंगे?” — तो धवन का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने रिपोर्टर को साफ शब्दों में जवाब देते हुए कहा:
“भाईसाहब आप ये सवाल गलत जगह पूछ रहे हैं। आप सोच रहे हो कि मैं कुछ बोलूंगा नहीं। आपको ये सवाल पूछा नहीं चाहिए। अगर मैं पहले भी नहीं खेला तो अभी नहीं खेलूंगा।”
धवन की इस प्रतिक्रिया ने यह साफ कर दिया कि उनके लिए देश की गरिमा किसी भी टूर्नामेंट या मुकाबले से ऊपर है।
पाकिस्तान के खिलाड़ियों की नाराजगी
इस फैसले से पाकिस्तान के लीजेंड खिलाड़ी शाहिद अफरीदी खासे नाराज नज़र आए। लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने जो स्टैंड लिया, वह सिर्फ खेल से ऊपर उठकर एक राष्ट्रप्रेम का प्रतीक बन गया।
टूर्नामेंट में भारत की स्थिति
WCL में अभी तक भारत का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। भारत को अपने पहले दोनों मैचों में साउथ अफ्रीका चैंपियंस और ऑस्ट्रेलिया चैंपियंस के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। पाकिस्तान के खिलाफ मैच तो हुआ ही नहीं। अब भारत को इंग्लैंड और वेस्टइंडीज से भिड़ना है और अगर उसे सेमीफाइनल में पहुंचना है तो जीत के अलावा कोई रास्ता नहीं।
वहीं पाकिस्तान की टीम प्वाइंट्स टेबल में टॉप पर है और सेमीफाइनल की दौड़ में मजबूत स्थिति में बनी हुई है।
निष्कर्ष
शिखर धवन और बाकी भारतीय खिलाड़ियों ने एक बार फिर ये साबित कर दिया कि क्रिकेट से भी बड़ा कुछ है — और वो है देश। जब देश के शहीदों की बात हो, तो कोई भी मुकाबला खेलने लायक नहीं रह जाता। धवन का गुस्सा और जवाब सिर्फ एक रिएक्शन नहीं था, वो हर उस भारतीय की आवाज़ थी जो अपने देश के लिए खड़ा होना जानता है।
Disclaimer:
यह लेख सार्वजनिक रिपोर्टों, मीडिया सूत्रों और क्रिकेट इवेंट्स पर आधारित है। इसमें व्यक्त विचार संबंधित खिलाड़ियों के बयानों और मीडिया रिपोर्टिंग पर आधारित हैं। इसका उद्देश्य केवल जानकारी देना है, किसी भी पक्ष को आहत करना नहीं।