क्रिकेट की दुनिया में कुछ फैसले सिर्फ मैदान पर नहीं, दिलों में भी हलचल मचा देते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ जब संजीव गोयनका ने एक बार फिर से अपने ब्रांड “सुपर जायंट्स” को एक नए मुकाम पर पहुंचाने का फैसला किया। इस बार उनका निशाना इंग्लैंड की मशहूर क्रिकेट लीग The Hundred रही, जहां मैनचेस्टर ओरिजिनल्स फ्रेंचाइजी का नाम बदलकर अब “Manchester Super Giants” रखे जाने की तैयारी है।
यह नाम 2026 के सीजन से लागू होने की उम्मीद है, और इस बदलाव ने क्रिकेट फैंस के बीच एक नई चर्चा को जन्म दे दिया है। ऋषभ पंत जैसे क्रिकेट प्रेमी भी इस बदलाव को देखकर चौंक गए होंगे, क्योंकि यह फैसला केवल नाम बदलने तक सीमित नहीं बल्कि पूरे विजन और पहचान को बदलने का संकेत है।
नाम के साथ ब्रांडिंग भी बदलेगी?
सवाल सिर्फ नाम का नहीं है, बल्कि रंगों और पहचान का भी है। क्या मैनचेस्टर की यह टीम अब अपने पारंपरिक काले रंग को छोड़कर सुपर जायंट्स का नीला अवतार धारण करेगी? अभी इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन गोयनका का इतिहास हमें बताता है कि जब वह कुछ करते हैं, तो पूरी शिद्दत और स्टाइल से करते हैं।
RPSG ग्रुप की नई उड़ान
बात सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं है। RPSG ग्रुप, जो लखनऊ सुपर जायंट्स और डरबन सुपर जायंट्स का मालिक है, अब इंग्लैंड की इस प्रतिष्ठित फ्रेंचाइजी का भी नया मालिक है। 107 मिलियन पाउंड की डील के साथ संजीव गोयनका ने इस टीम को अपने ब्रांड के साथ जोड़ लिया है। यह सिर्फ एक खरीद नहीं बल्कि एक सोच है – एक विजन है कि भारतीय ब्रांड अब दुनिया भर में क्रिकेट का चेहरा बदल सकते हैं।
मैनचेस्टर की उम्मीदें और चुनौतियां
मैनचेस्टर ओरिजिनल्स की पुरुष टीम ने 2022 और 2023 में शानदार प्रदर्शन करते हुए उपविजेता की ट्रॉफी उठाई, लेकिन महिला टीम अब तक प्लेऑफ की दहलीज तक भी नहीं पहुंच पाई। जोस बटलर, फिल साल्ट, जेम्स एंडरसन जैसे नाम पुरुष टीम को मजबूत बनाते हैं, जबकि महिला टीम में सोफी एक्लिस्टन और बेथ मूनी जैसे सितारे चमकते हैं।
अब जब यह टीम Manchester Super Giants के नाम से मैदान पर उतरेगी, तो उससे अपेक्षाएं भी दोगुनी होंगी। गोयनका की लीडरशिप और आईपीएल से मिली सीख इस टीम को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का दम रखती है।
फुटबॉल से क्रिकेट तक – हर मोर्चे पर गोयनका का प्रभाव
मोहन बागान एफसी जैसी प्रतिष्ठित फुटबॉल क्लब के मालिक होने के बाद, गोयनका अब क्रिकेट के हर कोने में अपनी पहचान बना रहे हैं। भारत से लेकर इंग्लैंड तक, हर मैदान पर अब “सुपर जायंट्स” गूंजने का वक्त आ गया है।
निष्कर्ष
संजीव गोयनका का यह कदम सिर्फ एक टीम का नाम बदलना नहीं, बल्कि क्रिकेट की ग्लोबल ब्रांडिंग में भारतीय विज़न को मजबूत करना है। अब जब Manchester Super Giants का दौर शुरू होने वाला है, तो दर्शकों को सिर्फ एक नई जर्सी नहीं, बल्कि एक नई सोच देखने को मिलेगी। और शायद, यही सोच आने वाले समय में इंग्लिश क्रिकेट को एक नई दिशा दे।
Disclaimer:
यह लेख सार्वजनिक मीडिया स्रोतों और रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी किसी आधिकारिक संगठन की पुष्टि के बिना अनुमान पर आधारित हो सकती है। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी निवेश या निर्णय से पहले आधिकारिक घोषणाओं और अपडेट्स की पुष्टि अवश्य करें।