Joe Root Test Cricket Record: टेस्ट क्रिकेट में जब भी महान बल्लेबाज़ों की बात होती है, तो उसमें भारत के सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग जैसे दिग्गजों का नाम सबसे ऊपर आता है। लेकिन अब इस लिस्ट में एक नया सितारा बेहद तेजी से चमक रहा है—जो रूट। इंग्लैंड के इस अनुभवी बल्लेबाज ने मैनचेस्टर में भारत के खिलाफ चल रहे चौथे टेस्ट मैच में एक ऐतिहासिक कारनामा कर दिखाया है, जिसने भारतीय फैंस की धड़कनों को भी तेज़ कर दिया है।
इंग्लैंड और भारत के बीच 5 मैचों की रोमांचक टेस्ट सीरीज़ का चौथा मुकाबला मैनचेस्टर में खेला जा रहा है। इस मैच की पहली पारी में जो रूट ने जैसे ही 31 रन पूरे किए, उन्होंने दो दिग्गजों—राहुल द्रविड़ और जैक कैलिस को पीछे छोड़ते हुए टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में तीसरे स्थान पर कब्जा कर लिया। लेकिन जो रूट यहीं नहीं रुके। जब उन्होंने इस पारी में 120 रन का आंकड़ा छुआ, तो उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज रिकी पोंटिंग को भी पीछे छोड़ दिया।
अब रूट के कुल टेस्ट रन हो चुके हैं 13,379 और वह अब सीधे क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के पीछे खड़े हैं, जिनके नाम टेस्ट क्रिकेट में 15,921 रन दर्ज हैं। यह सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं है, बल्कि एक ऐसी प्रेरणादायक यात्रा की कहानी है, जिसमें मेहनत, लगन और निरंतरता की झलक मिलती है।
सचिन तेंदुलकर ने 200 टेस्ट मैचों में 329 पारियों में 53.78 की औसत से रन बनाए थे, वहीं जो रूट अभी तक 139 टेस्ट खेल चुके हैं और उनका सफर जारी है। उनकी बल्लेबाज़ी में जो सहजता और निरंतरता है, उसने उन्हें वर्तमान युग का सबसे सफल टेस्ट बल्लेबाज बना दिया है।
जो रूट न केवल रन बनाने के मामले में आगे बढ़ रहे हैं, बल्कि टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा 50+ स्कोर करने वालों की सूची में भी उनका नाम दूसरे स्थान पर आ चुका है। 104 बार उन्होंने टेस्ट में 50 या उससे ज्यादा का स्कोर बनाया है। इस सूची में केवल सचिन तेंदुलकर उनसे आगे हैं, जिनके नाम 119 ऐसे स्कोर हैं।
भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह एक इमोशनल पल भी है। राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर जैसे हमारे पसंदीदा बल्लेबाजों के रिकॉर्ड जब कोई विदेशी खिलाड़ी तोड़ता है, तो दिल में एक टीस तो होती है, लेकिन अगर वह खिलाड़ी जो रूट जैसा हो, जिसने सालों से अपनी शालीनता और क्रिकेट के प्रति आदर से सभी का दिल जीता है, तो सम्मान भी उतना ही होता है।
जो रूट की यह उपलब्धि न केवल इंग्लैंड क्रिकेट के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए भी एक उम्मीद की किरण है। आज जब सीमित ओवरों का खेल ज़्यादा लोकप्रिय हो रहा है, तब रूट जैसे खिलाड़ी यह दिखा रहे हैं कि टेस्ट क्रिकेट का रोमांच और गरिमा अभी भी ज़िंदा है।
अस्वीकरण (Disclaimer):
यह लेख उपलब्ध आंकड़ों और रिपोर्ट्स के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें दिए गए सभी आँकड़े मैच की स्थिति के अनुसार समय के साथ बदल सकते हैं। लेख का उद्देश्य पाठकों को सूचनात्मक और प्रेरणात्मक सामग्री प्रदान करना है।