Kumbhraj Irrigation Project: जब खेतों तक पानी पहुंचता है, तो सिर्फ फसलें ही नहीं लहलहातीं, बल्कि किसानों के चेहरे पर भी मुस्कान खिल उठती है। मध्यप्रदेश में अब ऐसा ही नया सवेरा आने वाला है, क्योंकि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुना जिले के लोगों को एक ऐतिहासिक सौगात दी है—कुंभराज वृहद सिंचाई परियोजना। यह सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि यहां के किसानों के लिए नया जीवन है, नई आशा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुना जिले के चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के बीनागंज में आयोजित पीकेसी नदी लिंक परियोजना आभार सभा को संबोधित करते हुए बताया कि इस परियोजना से गुना जिले की 97,500 हेक्टेयर कृषि भूमि को बारहमासी सिंचाई सुविधा मिल पाएगी। इस योजना की कुल लागत करीब 5,138 करोड़ रुपये है, जो अपने आप में किसी क्रांतिकारी बदलाव से कम नहीं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार जताया, जिनके मार्गदर्शन में यह परियोजना साकार हो रही है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विकास की एक नई रेखा खींचते हुए 175.76 करोड़ रुपए की लागत से 604 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन भी किया। यह कार्य न केवल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देंगे, बल्कि आम जनजीवन को भी बेहतर बनाएंगे।
इस दौरान मानवीय संवेदनाओं की मिसाल पेश करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बीनागंज निवासी श्री राजेश खंडेलवाल की बेटी के लीवर ट्रांसप्लांट के लिए 4 लाख रुपए सहायता देने की घोषणा की। इससे पहले एक लाख रुपए की मदद सरकार द्वारा पहले ही दी जा चुकी थी। इसके साथ ही उन्होंने ममता विश्वकर्मा को 1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और बीनागंज की गौशाला के संपूर्ण विकास के लिए 12 लाख रुपए देने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत कन्या पूजन और दीप प्रज्ज्वलन के साथ की। उन्हें भगवान गणेश की गोबर से बनी सुंदर प्रतिमा भेंट की गई और श्रावण मास के मौके पर बहनों ने उन्हें दो विशाल राखियां भी भेंट कीं, जो मुख्यमंत्री के प्रति जनभावनाओं की गहराई को दर्शाती हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर ‘लाड़ली बहना योजना’, ‘राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन’ और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसे योजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि सरकार कैसे गरीबों, महिलाओं और किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि दीपावली तक बहनों को हर महीने 1500 रुपए भेजे जाएंगे और अगर बहनें फैक्ट्री में काम करेंगी, तो उन्हें 14 हजार रुपए तक मेहनताना मिलेगा।
डॉ. यादव ने कहा कि कभी चंबल में दस्युओं का राज हुआ करता था, लेकिन अब यह क्षेत्र शांति, विकास और आत्मनिर्भरता की मिसाल बन रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सरकारों ने पीकेसी जैसी परियोजनाओं को वर्षों तक रोके रखा, लेकिन अब प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में वह सपना भी साकार हो रहा है। पीकेसी की सहायक कुंभराज परियोजना से अब गुना जिले के हर गांव और खेत में सिंचाई और पेयजल की सुविधा पहुंचेगी।
जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने भी इस अवसर पर परियोजनाओं का विस्तृत विवरण साझा किया और बताया कि कैसे प्रदेश में सिंचाई का रकबा 7 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 55 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। साथ ही उन्होंने बताया कि केन-बेतवा और तापी मेगा रिचार्ज जैसी योजनाएं भी मध्यप्रदेश को जल-समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में कार्यरत हैं।
इस भावुक और उत्साहजनक कार्यक्रम में चाचौड़ा विधायक श्रीमती प्रियंका मीणा, लोकसभा सांसद श्री रोडमल नागर, मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत और अनेक जनप्रतिनिधि, किसान और ग्रामीणजन उपस्थित थे। सभी ने एक स्वर में मुख्यमंत्री डॉ. यादव और प्रधानमंत्री श्री मोदी का आभार जताया।
यह आयोजन न केवल एक सरकारी कार्यक्रम था, बल्कि यह जनता और शासन के बीच जुड़ाव, उम्मीदों और विश्वास का सजीव प्रमाण बन गया। अब जब खेतों तक पानी पहुंचेगा, तब हर किसान का सपना भी सिंचाई की तरह फलेगा और प्रदेश की तस्वीर सच में बदल जाएगी।
डिस्क्लेमर: यह लेख पूरी तरह से उपलब्ध सार्वजनिक जानकारी और समाचार स्रोतों के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें प्रयुक्त भावनात्मक भाषा का उद्देश्य पाठकों को विषय से जोड़ना और सरकार की योजनाओं की महत्ता को सरल व प्रभावी रूप में प्रस्तुत करना है। कृपया अधिकृत जानकारी के लिए संबंधित विभाग से संपर्क करें।