Tree Plantation Campaign in MP मध्यप्रदेश में हरियाली को लेकर एक नई सोच जन्म ले रही है, जो केवल पर्यावरण की रक्षा नहीं कर रही, बल्कि किसानों, महिलाओं और बच्चों के जीवन को भी बदल रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में चल रहा “एक पेड़ मां के नाम” अभियान अब एक जनआंदोलन बनता जा रहा है। इस अभियान का मकसद सिर्फ पेड़ लगाना नहीं है, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव बनाना है—हर पेड़ उस मां के नाम हो, जिसने हमें जीवन दिया।
मुख्यमंत्री ने यह बात खुद स्पष्ट की कि आम नागरिकों और किसानों को पेड़ लगवाने में ज्यादा खर्च न करना पड़े, इसलिए उद्यानिकी विभाग द्वारा मुफ्त पौधे उपलब्ध कराए जाएं। खासतौर पर ऐसे फलदार और छायादार पौधे लगाए जाएं, जो कम लागत में ज्यादा लाभ दें—जैसे आम, अमरूद, संतरा, नीबू, नीम, पीपल और बरगद।
यह योजना सिर्फ सरकार तक सीमित नहीं है। निजी सेक्टर, स्कूलों, कॉलेजों और स्वयं सहायता समूहों को भी इससे जोड़ा गया है। खास बात यह है कि अब किसान सिर्फ खेती तक सीमित नहीं हैं, वे बागवानी की ओर बढ़ रहे हैं। सरकार ने उन्हें तीन साल तक आर्थिक मदद देने का भी वादा किया है, ताकि ‘एक बगिया मां के नाम’ जैसे अभियान के तहत स्व-सहायता समूह की महिलाएं भी आमदनी बढ़ा सकें।
5 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगाकर वन विभाग ने रचा रिकॉर्ड
इस अभियान की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरा है वन विभाग, जिसने इस साल 3.40 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य रखा था, लेकिन 22 जुलाई तक ही 5 करोड़ 38 लाख से ज्यादा पेड़ लगा दिए। यही नहीं, पूरे अभियान की मॉनिटरिंग के लिए एक डिजिटल पोर्टल “मेरी लाइफ” भी बनाया गया है, जहां हर पौधारोपण की जानकारी अपलोड की जा रही है।
स्कूलों और बच्चों की अनोखी भागीदारी
स्कूल शिक्षा विभाग ने इस अभियान में एक अनोखा पहल किया है—बच्चे जब पेड़ लगाते हैं, तो मां के साथ फोटो खिंचवाते हैं और उसे पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। अब तक 5 लाख 37 हजार से अधिक पौधे बच्चों ने लगाए हैं और हर दिन करीब 50 हजार नए पौधे लगाए जा रहे हैं।
महिलाएं बनेंगी बाग की संरक्षक
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने अब तक 7,000 से अधिक महिलाओं को पौधारोपण स्थल का भ्रमण कराया है। साथ ही यह योजना बनाई है कि हर पेड़ की देखरेख की जिम्मेदारी महिलाओं को दी जाएगी, जिससे उनकी आजीविका भी सशक्त हो।
नगरीय क्षेत्रों में भी हरियाली की शुरुआत
शहरों में भी अभियान तेजी से बढ़ रहा है। 1 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य लेकर नगरीय विकास विभाग ने अब तक 4.15 लाख औषधीय और छायादार पौधे लगा दिए हैं। ये पौधे आने वाले समय में अर्बन फॉरेस्ट यानी शहरों का हरित आवरण तैयार करेंगे।
उद्यानिकी विभाग का योगदान
राज्यभर में उद्यानिकी विभाग ने 4862 हेक्टेयर भूमि पर 9.34 लाख से अधिक फलदार पौधे लगाए हैं। खासकर नदियों, जलाशयों और नालों के पास बागवानी को बढ़ावा दिया जा रहा है।
हरियाली का सपना अब साकार होता दिख रहा है
यह पूरा अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण का उदाहरण है, बल्कि यह मानव और प्रकृति के बीच भावनात्मक जुड़ाव की मिसाल बनता जा रहा है। जब एक बच्चा मां के साथ पेड़ लगाता है, या जब किसान अपने खेत में आम और अमरूद का पौधा लगाता है, तो वह सिर्फ पेड़ नहीं, बल्कि भविष्य की एक उम्मीद रोप रहा होता है।
Disclaimer: इस लेख का उद्देश्य “एक पेड़ मां के नाम” अभियान की सटीक और मानवीय जानकारी देना है। इसमें शामिल आंकड़े और विवरण मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी रिपोर्टों एवं बैठकों पर आधारित हैं। लेख पूरी तरह यूनिक, भावनात्मक और मानवीय भाषा में लिखा गया है।