Yashasvi Jaiswal Fifty Old Trafford जब हालात ‘करो या मरो’ के हों, तो असली खिलाड़ी की पहचान होती है। मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच में भारत के युवा सितारे यशस्वी जायसवाल ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया। एक ऐसा पल जिसे क्रिकेट इतिहास हमेशा याद रखेगा। केएल राहुल भले ही फिफ्टी से चूक गए, लेकिन जायसवाल ने न सिर्फ अर्धशतक जमाया, बल्कि 51 साल पुराना सूखा भी खत्म कर दिया।
भारतीय कप्तान शुभमन गिल की अगुआई में टीम इंडिया जब इंग्लैंड से भिड़ने उतरी, तब टॉस इंग्लैंड ने जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया। दबाव साफ था, लेकिन यशस्वी और राहुल ने बड़ी ही धैर्यपूर्ण शुरुआत दी। पहले विकेट के लिए 94 रन की साझेदारी ने टीम को एक मजबूत नींव दी।
राहुल 46 रन बनाकर आउट हो गए, मगर दूसरे छोर से जायसवाल ने शानदार बल्लेबाज़ी जारी रखी और 96वीं गेंद पर सिंगल लेकर अपना 12वां टेस्ट अर्धशतक पूरा किया। इसके साथ ही उन्होंने एक ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम कर ली – वो पिछले 51 वर्षों में ओल्ड ट्रैफर्ड की पिच पर अर्धशतक जमाने वाले पहले भारतीय सलामी बल्लेबाज़ बन गए।
इससे पहले, 1974 में सुनील गावस्कर ने इसी मैदान पर शतक और अर्धशतक दोनों लगाए थे। अब इतने सालों बाद जायसवाल ने उसी धरती पर इतिहास दोहराया और भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के दिल जीत लिए।
इतना ही नहीं, इस अर्धशतक के साथ यशस्वी ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की – उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 50+ स्कोर की अपनी संख्या 8 तक पहुंचाई और रोहित शर्मा की बराबरी कर ली। रोहित ने 24 पारियों में 8 बार 50 से ऊपर का स्कोर बनाया है, जबकि यशस्वी ने ये कारनामा सिर्फ 16 पारियों में कर दिखाया।
इस लिस्ट में सुनील गावस्कर पहले स्थान पर हैं, जिन्होंने 66 पारियों में 20 बार 50+ का आंकड़ा पार किया। वहीं केएल राहुल भी लाइन में हैं, जिनके नाम 27 पारियों में 7 अर्धशतक दर्ज हैं।
जायसवाल ने इस मैच में 58 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली, और इसी के साथ उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अपने 1000 टेस्ट रन भी पूरे कर लिए। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले छठे भारतीय खिलाड़ी बने, साथ ही सबसे तेज 1000 रन बनाने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी भी।
यह सिर्फ एक फिफ्टी नहीं थी, यह एक संदेश था – युवा भारत सिर्फ टैलेंट नहीं, जज़्बा और इतिहास रचने की ताकत भी रखता है।
डिस्क्लेमर:
यह लेख विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और क्रिकेट कवरेज के आधार पर तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य पाठकों को जानकारी देना और खेल की ऐतिहासिक उपलब्धियों को साझा करना है। कृपया इसे किसी खिलाड़ी या बोर्ड पर व्यक्तिगत टिप्पणी न समझें।