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खरीफ 2025 Fertilizer System को लेकर सख्त हुए मुख्यमंत्री, नहीं चलेगी कालाबाजारी

मध्यप्रदेश सरकार ने खरीफ 2025 की तैयारी को लेकर एक बड़ी और संवेदनशील पहल की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस बार प्रदेश के किसानों को खाद के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़ेगा। उर्वरकों की व्यवस्था इस तरह की जाएगी कि हर किसान को समय पर और सही तरीके से खाद मिले, ताकि उनकी फसलें भी समय से लहलहा उठें।

मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में सहकारिता, राजस्व और कृषि विभागों की संयुक्त समीक्षा बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि उर्वरक वितरण व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी और सुचारु होनी चाहिए। जिन जिलों में यूरिया की मांग अधिक है, वहां अगले सात दिनों में आने वाले रैक और खाद वितरण की जानकारी को गांव-गांव तक पहुँचाने के लिए विशेष प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि उर्वरक की कालाबाजारी, अवैध भंडारण, टैगिंग, और मिस ब्रांडिंग जैसी गड़बड़ियों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब तक इस संबंध में 30 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं, 56 लाइसेंस रद्द किए गए हैं, 70 लाइसेंस निलंबित हुए हैं और 188 विक्रेताओं को प्रतिबंधित किया गया है। यह दिखाता है कि सरकार इस मुद्दे को लेकर कितनी गंभीर है।

डॉ. यादव ने यह भी निर्देश दिए कि डबल लॉक केंद्रों, पैक्स और निजी विक्रय केंद्रों का कलेक्टर और अधिकारी आकस्मिक निरीक्षण करें। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जहां किसानों की भीड़ अधिक हो, वहां अतिरिक्त काउंटर लगाकर खाद वितरण किया जाए ताकि किसी को परेशान न होना पड़े।

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मुख्यमंत्री ने एक और महत्वपूर्ण सुझाव दिया कि नैनो यूरिया का उपयोग प्रोत्साहित किया जाए, जिससे पारंपरिक यूरिया पर निर्भरता कम हो और उपज में सुधार आए। उन्होंने किसानों को उर्वरक की घर-घर डिलीवरी देने की योजना पर भी विचार करने की बात कही, ताकि सब्सिडी वाले खाद का दुरुपयोग भी रोका जा सके।

उन्होंने स्पष्ट किया कि सब्सिडी वाला यूरिया गैर-कृषि कार्यों जैसे कि पशु आहार, पेंट, शराब और प्लाईवुड निर्माण में इस्तेमाल न हो, इसके लिए विशेष निरीक्षण अभियान चलाए जाएं। यदि इस प्रकार का दुरुपयोग पकड़ा गया, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।

इस अहम बैठक में राज्य के राजस्व मंत्री श्री करण सिंह वर्मा, कृषि मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना, सहकारिता मंत्री श्री विश्वास सारंग और मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन भी मौजूद रहे। सभी ने किसानों के हित में सरकार के इस दृढ़ निश्चय को दोहराया।

Disclaimer:
यह लेख सरकारी स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है और इसका उद्देश्य केवल सूचनात्मक है। किसानों को सलाह दी जाती है कि खाद संबंधी किसी भी जानकारी के लिए अपने नजदीकी कृषि केंद्र या अधिकृत विक्रेताओं से संपर्क करें।

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