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Data Sudrikaran Yojana डाटा सुदृढ़ीकरण योजना: अब ‘सांख्यिकी से समृद्धि’ की ओर बढ़ेगा मध्यप्रदेश

Data Sudrikaran Yojana हर दिन बदलती दुनिया में जब हर फैसला आंकड़ों पर निर्भर हो, तब सही और मजबूत डाटा होना किसी भी सरकार के लिए सबसे बड़ी ताकत बन जाता है। यही सोच लेकर मध्यप्रदेश की सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में “डाटा सुदृढ़ीकरण योजना” को मंजूरी दी गई है। इसका उद्देश्य है – राज्य को सांख्यिकी से समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ाना।

सरकार अब प्रदेश के योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के माध्यम से समय पर डाटा संकलन करेगी, उसका विश्लेषण करेगी और इसे आमजन, नीति-निर्माताओं और विभागों के लिए सुलभ बनाएगी। इससे हर स्तर पर फैसले बेहतर होंगे, पारदर्शिता बढ़ेगी और योजनाएं ज्यादा असरदार बनेंगी। एक आम नागरिक से लेकर निवेशक तक – सभी को इससे फायदा होगा। यह पहल मध्यप्रदेश को डिजिटल और डाटा-ड्रिवन शासन की ओर ले जा रही है।

इस योजना का एक और खास फायदा यह होगा कि अब विभिन्न सरकारी विभाग बिना किसी रुकावट के डाटा साझा कर पाएंगे। इससे कर्मचारियों की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी और नीतियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी। स्वतंत्र शोधकर्ता और योजना बनाने वाले संस्थान भी इन आंकड़ों का उपयोग कर सकेंगे। इसका सबसे बड़ा असर प्रदेश के विकास और निवेश पर पड़ेगा – जब सही आंकड़े समय पर मिलेंगे तो सही निर्णय होंगे और सही निर्णयों से समृद्धि आएगी।

गांधीसागर व राणा प्रताप सागर जल विद्युत गृह होंगे आधुनिक – मिलेंगी 40 सालों की ऊर्जा

मध्यप्रदेश सरकार ने एक और बड़ा निर्णय लिया है, जिससे राज्य में बिजली उत्पादन को नया जीवन मिलेगा। गांधीसागर (5×23 मेगावाट) और राणा प्रताप सागर (4×43 मेगावाट) जल विद्युत गृहों का नवीनीकरण और आधुनिकीकरण किया जाएगा।

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गांधीसागर परियोजना के लिए अनुमानित लागत 464.55 करोड़ रुपये और राणा प्रताप सागर के लिए 573.76 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। इन दोनों परियोजनाओं में मध्यप्रदेश और राजस्थान की हिस्सेदारी 50:50 होगी। मध्यप्रदेश अपनी हिस्सेदारी के अंतर्गत 127.06 करोड़ रुपये देगा, जिसे वर्षवार जारी किया जाएगा।

इन परियोजनाओं से अगले 40 वर्षों तक स्थायी ऊर्जा का लाभ मिलेगा। मशीनरी बदली जाएगी और दोनों राज्य की बिजली उत्पादन कंपनियां इस कार्य को पारदर्शी तरीके से क्रियान्वित करेंगी। यह निवेश सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं, बल्कि आने वाले दशकों की ऊर्जा सुरक्षा है।

उज्जैन और ग्वालियर व्यापार मेलों में वाहनों पर टैक्स में 50% की राहत

एक और बड़ी सौगात सरकार ने आम नागरिकों और व्यापारियों को दी है। मंत्रि-परिषद ने उज्जैन और ग्वालियर व्यापार मेलों में ऑटोमोबाइल खरीदने पर जीवनकाल मोटरयान कर में 50 प्रतिशत की छूट को अनुमोदन प्रदान किया है।

उज्जैन व्यापार मेला 2025 में मोटर साइकिल, कार, ओमनी बस (निजी उपयोग के लिए) जैसे सभी गैर-परिवहन और हल्के परिवहन यानों पर यह छूट लागू होगी, बशर्ते वाहन की बिक्री मेला अवधि में हो और उसका स्थाई पंजीकरण उज्जैन आरटीओ से कराया जाए। बाहरी व्यवसायियों को भी यहीं से व्यवसाय प्रमाण पत्र लेना होगा और मेला प्रांगण में उपस्थित रहना होगा।

ग्वालियर व्यापार मेला 2024-25 के लिए भी यही नियम लागू होंगे। यह फैसला न सिर्फ व्यापार को बढ़ावा देगा, बल्कि आम लोगों को भी वाहन खरीदने में बड़ी राहत देगा।

सरकार का यह कदम व्यापार, निवेश और रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है।

निष्कर्ष – मध्यप्रदेश अब डाटा और विकास के नए युग की ओर

एक ओर जहां डाटा सुदृढ़ीकरण योजना शासन को स्मार्ट और पारदर्शी बना रही है, वहीं जल विद्युत गृहों का आधुनिकीकरण आने वाले वर्षों के लिए ऊर्जा संसाधनों को सुरक्षित कर रहा है। दूसरी तरफ व्यापार मेलों में वाहन कर में छूट से आम नागरिकों और व्यापारियों को राहत मिल रही है।

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इन सभी फैसलों से यह साफ है कि मध्यप्रदेश सरकार न केवल वर्तमान को बेहतर बना रही है, बल्कि भविष्य के लिए भी मजबूत नींव रख रही है।

Disclaimer: यह लेख सरकारी घोषणाओं पर आधारित समाचार रिपोर्टिंग का एक प्रयास है। इसमें दी गई सभी जानकारियाँ सार्वजनिक रूप से उपलब्ध मंत्रि-परिषद की बैठकों और विभागीय अधिसूचनाओं पर आधारित हैं। किसी भी योजना या छूट का लाभ उठाने से पहले संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या कार्यालय से पुष्टि अवश्य करें।

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