Naveen Vidhayak Vishram Grah Bhopal: भोपाल की पवित्र भूमि पर जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नवीन विधायक विश्राम गृह के निर्माण कार्य का भूमि पूजन किया, तो यह केवल एक भवन निर्माण की शुरुआत नहीं थी, बल्कि यह भविष्य की सोच, भारतीय संस्कृति के सम्मान और जनसेवा के प्रति समर्पण का प्रतीक बन गया। यह कार्यक्रम सिर्फ ईंट-पत्थर का नहीं, बल्कि एक नई सोच, नई दिशा और नए संकल्प का भावनात्मक दस्तावेज बन गया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि समय के साथ आगे बढ़ना और पहले के अनुभवों से सीखकर योजनाएं बनाना ही सच्चा विकास है। उन्होंने विधायक विश्राम गृह के द्वितीय चरण के निर्माण की भी घोषणा की, जिससे यह सपना और भी साकार होता दिखा। यह भवन न केवल तकनीकी रूप से उन्नत होगा, बल्कि जनप्रतिनिधियों को बेहतर कार्य-परिस्थितियाँ देगा, जहाँ वे जनता की सेवा के लिए गहराई से चिंतन और कार्य कर सकें।
कार्यक्रम की गरिमा उस समय और भी बढ़ गई जब विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर, संसदीय कार्य मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय और लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह जैसे वरिष्ठ नेता मंच पर उपस्थित थे। भूमि पूजन से लेकर शिलालेख अनावरण तक का हर पल एक भावनात्मक यात्रा जैसा था। भगवान श्रीराम और भारत माता की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण ने इस आयोजन को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
इस विश्राम गृह के निर्माण पर लगभग 160 करोड़ रुपए की लागत आएगी और इसमें 102 फ्लैट्स बनाए जाएंगे। परिसर में पार्किंग से लेकर जिम, चिकित्सालय से लेकर शॉपिंग कॉम्पलेक्स और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक हर आधुनिक सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। 14 एकड़ में फैले इस परिसर का निर्माण कार्य 18 माह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह भवन पूरी तरह से भूकंप और अग्निरोधी होगा, जिससे विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रावण मास की एकादशी और बाबा महाकाल की सवारी का उल्लेख करते हुए राज्य की सांस्कृतिक जड़ों को भी जोड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार न केवल भवन बना रही है, बल्कि समाज में समरसता, शिक्षा और तकनीकी कौशल के क्षेत्र में भी गहरे बदलाव ला रही है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश और प्रदेश में जो प्रगति हो रही है, उसी की एक झलक इस योजना में भी देखने को मिली। धारा 370 को हटाने से लेकर मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति दिलाने जैसे ऐतिहासिक निर्णयों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने राष्ट्र के समर्पण भाव की याद दिलाई।
विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर ने कहा कि जब विधायक जनता की सेवा के लिए आते हैं, तो उन्हें ऐसे सुविधाजनक और तकनीकी रूप से समृद्ध स्थानों की आवश्यकता होती है, जो उन्हें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा दें।
लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने भावुक होकर कहा कि लोकतंत्र केवल व्यवस्थाओं का नाम नहीं, बल्कि विश्वास का बंधन है – और यह नया विश्राम गृह उस बंधन को और मजबूत करेगा।
यह भी विशेष उल्लेखनीय रहा कि मध्यप्रदेश के आठ शहरों ने स्वच्छता में नया कीर्तिमान स्थापित किया है, और अब लक्ष्य है भोपाल को भी नंबर-1 बनाना। इस उद्देश्य को लेकर सभी जनप्रतिनिधि और शासन-प्रशासन प्रतिबद्ध हैं।
यह नवनिर्माण न केवल इमारत का विकास है, बल्कि यह मध्यप्रदेश की उन्नति, उसकी भावनाओं और उसकी सांस्कृतिक समृद्धि की एक जीवंत तस्वीर है।
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यह लेख मीडिया स्रोतों और आधिकारिक प्रेस रिलीज़ के आधार पर लिखा गया है। इसमें प्रस्तुत विचार, भावनाएँ और जानकारी सार्वजनिक रूप से जारी विवरणों पर आधारित हैं और किसी भी प्रकार की राजनीतिक राय नहीं दर्शाते हैं। लेख का उद्देश्य केवल सूचना और जनहित में जानकारी देना है।